लयबद्ध,समृद्ध और भावपूर्ण है डॉ आरती कुमारी की गजलें : सिद्धेश्वर
कविता है तो प्रेम, माधुर्य, सौंदर्य, सद्भाव, संस्कृति और सभ्यता जीवित है। : हजारी सिंह
पत्थर न देखिए कोई खंजर न देखिए, नफरत भरी हो जिनमें वह मंजर न देखिए!/ कौन सी बात कहां कैसे…